Santati Sanhita
Publication: Alpha Publication
संतति संहिता उन समस्त सबल, सशक्त, सारस्वत, शाश्वत संकल्पों का साकार स्वरूप है, जो सन्तान सम्बन्धी प्रामाणिक सामग्री से सन्निहित संरचनाओं के अभाव के कारण रचनाकार के मन मस्तिष्क के पटल पर अंकित और अंकुरित हुए। संततिहीनता से त्रस्त, संतति वियोग से व्याकुल, पुत्र अथवा पुत्रियों के जन्म की अत्यधिक आतुर आकांक्षा और अभिलाषा की विफलता से संतप्त, दत्तक संतति की चिन्ता से आक्रान्त, परजात शिशु के संशय से व्यथित, विकृत अथवा विकलांग संतति की संभावना से प्रकम्पित, संतति जन्म के अनुमानित समय संज्ञान हेतु जिज्ञासारत, नालवेष्टित शिशु की आशंका से ग्रस्त, युगल सन्तान जन्म की संभावना, संततिहीनता का कारण विविध शापों से अभिशप्त जातक, पत्नी के गर्भधारण करने की क्षमता, सन्तान संख्या तथा अपनी संतति के साथ संभावित सम्बन्धों की मधुरता अथवा कटुता, शत्रुता अथवा आत्मीयता के बोधतुल्य अनेक ऐसे प्रकरण हैं।
जिनके विश्लेषण और व्याख्या के उपरान्त तलस्पर्शी अनुसंधान की अनिवार्यता असंदिग्ध है जिन पर किसी भी सामयिक ज्योतिर्विद् अथवा लेखक ने प्रामाणिक शोध सूत्र, जिज्ञासु और प्रबुद्ध पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने की चेष्टा नहीं की। संतान सम्बन्धी अन्यान्य पक्षों पर शोध साधना में अवगाहन करने हेतु विविध सत्य एवं प्रामाणिक तथ्यों ने देश के प्रसिद्ध लेखकद्वय श्रीमती मृदुला त्रिवेदी तथा श्री टी.पी. त्रिवेदी को आंदोलित व व्यथित किया। उनकी शोध यात्रा का सर्वाधिक सुरभित सुमन है संतति संहिता, जिसका प्रत्येक पृष्ठ समस्त शास्त्रीय ग्रंथों के सबल प्रमाणों से अभिसिंचित है। कृति को अग्रांकित 21 अध्यायों में व्याख्यायित, विवेचित व विश्लेषित किया गया है।
: 1. पंचम भावगत ग्रहों का फल, 2. पंचम भावगत विभिन्न राशियों का फल, 3. द्वादश भाव के स्वामियों की पंचम भावस्थ स्थिति का फल, 4. पंचम भाव में ग्रहों की दृष्टि का फल, 5. पंचमेश की विभिन्न भावों में स्थिति के अनुसार फल, 6. संतति जन्म : प्रकार और प्रसंग, 7. नालवेष्टित शिशु : एक भयावह स्थिति, 8. युगल संतान सम्बन्धित संज्ञान, 9. विभिन्न शाप एवं संतति संताप, 10. नारी और गर्भधारण करने की क्षमता, 11. संतान संख्या : संज्ञान सिद्धांत, 12. संततिहीनता का विकल्प दत्तक संतान, 13. संतति और समय की सत्ता, 14. संतान जन्म का समय गणना के विभिन्न आधार, 15. प्रसवकाल संज्ञान, 16. संतति सुख हेतु प्रभूत प्रयत्न एवं प्रतीक्षा, 17. गर्भवती युवती की मृत्यु, 18. शिशु के माता-पिता की मृत्यु सम्बन्धी ग्रहयोग, 19. माता अथवा पिता से त्यक्त संतान हेतु ग्रह ज्ञान, 20. ऋतुकाल एवं गर्भकाल: ज्ञातव्य सूत्र, 21. ग्रह स्थितियाँ तथा शिशु के सम्बन्धी ।
संतति संहिता सन्तान पक्ष की एक ऐसी आधारशिला है जिसमें समस्त शास्त्रीय ग्रंथों के प्रामाणिक सूत्रों की संसिद्धि हेतु विविध व्यावहारिक जन्मांगों में विद्यमान ग्रहयोगों की सत्यता को परिलक्षित व प्रदर्शित किया गया है। संतति संहिता सन्तान पक्ष पर केन्द्रित एक अद्भुत ग्रन्थ है जो अनुभूत सूत्रों पर आधारित है और जिसका अध्ययन, अनुगमन, अनुसरण समस्त ज्योतिष प्रेमियों, प्रबुद्ध पाठकों और जिज्ञासु छात्रों द्वारा अपेक्षित है
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