पाठकों को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिये कि ज्योतिष शास्त्र में प्रश्न विचार का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है, जिसकी पूति न तो जन्मपत्र ही कर सकता है और न वर्षफल ही। इसलिये तात्कालिक प्रश्नफल का स्थान इन दोनों ही से बहुत ऊँचा तथा उत्तम है। क्योंकि जिन लोगों का जन्मपत्र या वर्षफल नहीं होता वे तो प्रश्न-विचार के द्वारा अपने कार्य सिद्ध करते ही है किन्तु जिन मनुष्यों के पास जन्मपत्र-वर्षफलादि सभी कुछ विद्यमान रहते हैं, उन्हें भी समय-समय पर इस तात्कालिक प्रश्न परिणाम द्वारा लाभालाभ की आवश्यकता पड़ती ही रहती है। यह प्रश्न किसी भी व्यक्ति विशेष, स्थान विशेष, देश तथा काल विशेष के लिये न होकर, गरीब से लेकर अमीर तक, राजा से लेकर रंक तक सभी को समान रूप से; यथायोग्य तथा साध्य उपाय बताकर किसी की भी जीवनन्तरणि को भवसिन्धु के आवर्त से बाहर निकालकर पार लगाने वाला है।
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