लग्न दर्शन (चतुर्थ खंड : मकर कुंभ और मीन )
‘लग्न दर्शन ‘ भारतीय ज्योतिष जगत में शायद पहली पुस्तक है जिसमे लग्न भाव के बारे में इतने विस्तार से लिखा गया है l
इस पुस्तक की विशेषता केवल विस्तार ही नहीं बल्कि इसमें लग्नेश के हर भाव में होने का फलादेश भी दिया गया है l लग्नेश के साथ दूसरे ग्रहो का होना और उनका फलादेश अपने आप में अनोखी बात है l
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