इस पुस्तक का क्षेत्र आपकी निम्न विषयों यर योग्य बनाता है-ज्योतिष की बोधगम्य विचारधारा प्रदान करना। वैदिक ज्योतिष के शब्दों का बोघ/ज्ञान कराना। जन्म कुंडली फलकथन के आधारभूत सिद्धान्तो का परिचय देना। फल कथन के उन्नत एबं श्रेष्ठ सिद्धान्तों का परिचय कराना। रूपरेखा इस पुस्तक में ज्योतिष प्रक्रिया को मुख्यत: दो भागो में बाँटा गया हैं। प्रथम जन्म कुंडली निर्माण एवम द्वितीय जन्म कुंडली फलादेश l ज्योतिष की विचारधाराओं एवम उसके आघारभूत सिद्धान्तों को पहले लिया जायेगा जिससे आप उसका रोचक ढंग से ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और इसकै बाद आपको जन्म-कुंडली की गणितीय प्रक्रिया के साथ-साथ जन्म-कुंडली के अन्य वर्गीकरणों को समझाया जायेगा। तत्पश्चात् जब आप इस पुस्तक को गम्भीरतापूर्वक दो या तीन बार पढ़ और समझ लेंगें तथा जब आपकी इसकी विभिन्न विचारधाराओं एवम वैदिक ज्योतिष को प्रक्रियाओं का ज्ञान हो जायेगा तब आप अपने इस ज्ञान को आगे बढाने तथा इसका उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त करने हेतु एबं इसमें दक्षता प्राप्त करने हेतु लेखको की अन्य पुस्तको का अध्ययन कर सकते हैं।
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