Gochar Vichar
ब्रह्माण्ड में स्थित ग्रह अपने-अपने मार्ग पर अपनी-अपनी गति से सदैव भ्रमण करते हुए एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते रहते हैं। जन्म समय में ये ग्रह जिस राशि में पाए जाते हैं वह राशि उनकी जन्मकालीन राशि कहलाती है जो कि जन्म कुण्डली का आधार है और जन्म के पश्चात् किसी भी समय वे अपनी गति से जिस राशि में भ्रमण करते हुए दिखाई देते हैं, उस राशि में उनकी स्थिति गोचर कहलाती है। गोचर शब्द ‘गम्’ धातु से बनता है और उसका अर्थ है ‘चलने वाला’। ब्रह्माण्ड में करोड़ों तारे हैं। वे सब स्थिरप्राय हैं।
तारों से ग्रहों की पृथक्ता को दर्शाने के लिए उनका नाम ‘गो’ अर्थात् चलने वाला रखा गया। ‘चर’ शब्द का अर्थ भी चलना है अर्थात् गतिमय होना। तो ‘गोचर’ शब्द का अर्थ हुआ – ग्रहों का निरन्तर चलना, अर्थात् निरन्तर गतिमय होना है। गोचर ग्रहों के प्रभाव उनके राशि परिवर्तन के साथ-साथ बदलते रहते हैं। जातक के वर्तमान समय की शुभाशुभ जानकारी के लिए गोचर विचार सरल और उपयोगी विचार है। वर्ष भर के समय की जानकारी गुरु और शनि से, मास की सूर्य से और प्रतिदिन की चन्द्रमा के गोचर से प्राप्त की जा सकती है।
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