अनंतकाल से प्रश्न शास्त्र एक बहुत लोकप्रिय, अद्वितीय और सटीक तकनीक रही है जो जातक की तत्काल चिंताओं/ परेशानियों का समाधान हो जाता है। दैनिक जीवन में कुछ समस्याएं होती हैं जो बहुत जटिल हैं लेकिन उनका जन्म कुंडली से फल कथन संभव नहीं है। फिर कुछ अन्य जातकों के पास उनकी जन्म कुंडली ही नहीं होती। ऐसी सभी समस्याओं का समाधान प्रश्न शास्त्र द्वारा ही संभव है। इस महान विद्या के सभी पहलुओं को इस पुस्तक में बहुत ही सरल और रोचक ढंग से 88 उदाहरण कुंडलियों की सहायता से वैदिक प्रणाली द्वारा समझाया गया है। राशि, नक्षत्र, ग्रह और भावों का इस ज्ञान में समन्वय, शकुन और लक्षण की भूमिका और प्रश्न शास्त्र के नियम तथा उन का प्रयोग भी आसानी से समझ आ सकने वाले तरीके से प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक में मूक प्रश्न और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे रोग, शिक्षा, विवाह, बच्चे, आजीविका, व्यापार/ वित्तीय प्रसंग, सम्पदा व वाहन, चोरी, मुकदमे व झगड़े, यात्राएं व प्रवासी चिंता, बार बार पूंछे जाने वाले प्रश्न और प्रश्न की विविध तकनीक का वर्णन अलग-अलग अध्याय में उदाहरण सहित स्पष्ट किया गया है। आशा है यह पुस्तक ज्योतिष के विद्यार्थी और विज्ञजनों को पसंद आयेगी।
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