ज्योतिषशास्त्र का मुख्य उद्देश्य सुखो का सम्यक उपभोग करते हुए दुखों से मानव की रक्षा करना है / इसके प्राकट्यमें मुख्यत: दो हेतु है / प्रथम-काल-निर्धारण एंव द्धितीय-लोकयात्रा:अर्थात पृथ्वीलोक में जन्म से लेकर मृत्यु-पर्यन्त जीवन में होने वाले सुख-दू:खादि का अवबोध कराना/ काल-निर्धारण के लिये गणित-ज्योतिष तथा लोकयात्रा के ज्ञान हेतु फलितज्योतिस की रचना हुई फलितज्योतिष ग्रह-गतियो के साथ कालक्रम में होने वाले शुभाशुभ फलो के निर्धारण से सम्बंधित है :
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