Muhurta Chintamani
माना किसी स्थान का रेखान्तर या देशान्तर पल 47 है, जैसा कि प्राचीनों ने माना है। यह लगभग 18 मिनट 45 सेकेंड होता है। लेकिन रेखांशों से इसे निकालने पर लगभग 28 मिनट आता है। अतः योजनों से वारप्रवृत्ति निकालने में भूल होती है। वैसे वारप्रवृत्ति का प्रयोग प्राचीनों ने कालहोरा ज्ञान के लिए कहा है, जबकि आप होरा ज्ञान भी सूर्योदय से आराम से कर सकते हैं। इसमें कुछ भी हानि नहीं है।
सरल विधि से उज्जैन के रेखांश 75°.46′ पू. से अपने स्थान के रेखांशों का अन्तर ज्ञात कर लें। इस अन्तर को प्रति अंश 4 मिनट से गुणा करें। गुणनफल उक्त देशान्तर संस्कार होगा। इसे उक्त प्रकार से सूर्योदय में जोड़ या घटा कर वारप्रवृत्ति जानें।
किसी स्थान का रेखांश 77° 48′ पू. – उज्जैन रेखांश 75°.46′ पू. =2.2 मिला। 2 अंश 2 कला × 4 = 8 मिनट 8 सेकेंड देशान्तर हुआ। इन्हें 15 घड़ी या 6 घंटे (निरक्ष देश में दिन 12 घंटे का होता है) में जोड़ा तो 6.8.8 घंटे मिले। अपना स्थानीय दिनमान 34.36 घड़ी है तो दिनार्ध 17.18 हुआ या 6 घंटे 56 मिनट दिनार्ध है। यह 6.8.8 घंटे से अधिक है। अतः 6.56-6.8 = 48 मिनट बाद सूर्योदय से उस स्थान पर वारारम्भ होगा। प्राचीन मान (योजन मान) से उदाहरण में 1 घंटे से अधिक समय आता है, जो स्थूल है।
माना किसी स्थान का रेखान्तर या देशान्तर पल 47 है, जैसा कि प्राचीनों ने माना है। यह लगभग 18 मिनट 45 सेकेंड होता है। लेकिन रेखांशों से इसे निकालने पर लगभग 28 मिनट आता है। अतः योजनों से वारप्रवृत्ति निकालने में भूल होती है। वैसे वारप्रवृत्ति का प्रयोग प्राचीनों ने कालहोरा ज्ञान के लिए कहा है, जबकि आप होरा ज्ञान भी सूर्योदय से आराम से कर सकते हैं। इसमें कुछ भी हानि नहीं है।
सरल विधि से उज्जैन के रेखांश 75°.46′ पू. से अपने स्थान के रेखांशों का अन्तर ज्ञात कर लें। इस अन्तर को प्रति अंश 4 मिनट से गुणा करें। गुणनफल उक्त देशान्तर संस्कार होगा। इसे उक्त प्रकार से सूर्योदय में जोड़ या घटा कर वारप्रवृत्ति जानें।
किसी स्थान का रेखांश 77° 48′ पू. – उज्जैन रेखांश 75°.46′ पू. =2.2 मिला। 2 अंश 2 कला × 4 = 8 मिनट 8 सेकेंड देशान्तर हुआ। इन्हें 15 घड़ी या 6 घंटे (निरक्ष देश में दिन 12 घंटे का होता है) में जोड़ा तो 6.8.8 घंटे मिले। अपना स्थानीय दिनमान 34.36 घड़ी है तो दिनार्ध 17.18 हुआ या 6 घंटे 56 मिनट दिनार्ध है। यह 6.8.8 घंटे से अधिक है। अतः 6.56-6.8 = 48 मिनट बाद सूर्योदय से उस स्थान पर वारारम्भ होगा। प्राचीन मान (योजन मान) से उदाहरण में 1 घंटे से अधिक समय आता है, जो स्थूल है।
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