विदित हो कि वर्तमान समय में अनेक प्रकार के ज्योतिष ग्रन्थ प्राचीन व उनके अनुसार आधुनिक चन बन कर छप गये हैं परन्तु मुहूर्त विषय का कोई भी ऐसा अनु- षम ग्रन्थ देखने में नहीं आता, कि जिसके द्वारा प्रत्येक प्रकार के मुहूर्त सर्वशास्त्रोक्त सर्व साधारण जन निकाल सकें अर्थात् अपना काम चला सकें। जिन भूदेवगणों को मुहूर्त निकालने का काम अधिकता के साथ रहता है उनको शीघ्रबोध मुहूर्तगणपति आदि अनेक प्रकार के ग्रंथ खररीदने पर भी उनका काम भली भांति नहीं चल सकता, दूसरे मुहूर्त विषयके जो ग्रन्थ संस्कृत के छपे हैं उनसे सिवाय संस्कृतज्ञ विद्वानों के किसी साधारण बुद्धि वाले ब्राह्मण देवता का काम नहीं चल सकता इत्यादि कारणों से जिसमें सर्वसिद्धान्तों के अनुसार सर्व प्रकार के मुहूर्त निकालना अत्यन्त सरलता के साथ लिखा हो और जिसको पढ़कर साधारण बुद्धि का धारक भी प्रत्येक प्रकार का मुहूर्त बातकी चातमें निकाल ले और अपना काम चला ले. इस प्रकार हमारे कई विद्वज्जन मित्रों ने अनुरोध किया तो उन सबकी आज्ञा शिरोधारण कर यह ” मुहूर्तप्रकाश ” अपरनाम चतुर्थीलालप्रकाश नाम का ग्रन्थ वशिष्ठ, नारद, पराशर, भृगु, कश्यप और गर्गादि संहिता व राजमार्तण्डादि अनेक प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार संग्रह किया है. जिसमें संज्ञा १, त्याज्य २, नानामुहूर्त ३, गोचर ४, संस्कार ५, विवाह ६, यात्रा ७, वास्तु ८ और मिश्रित ९ ये नव प्रकरण विस्तारपूर्वक जहांतक मुझसे बना उक्त महाशयों के अभिप्रायानुसार सरलता के साथ हिन्दी भाषा टीका सहित लिखे हैं. यदि इस ग्रन्थ के प्रकाशित होने से हमारे सजातीय भूदेवगणोंका कुछ भी उपकार साधन हुआ तो मेरा व प्रकाशक महाशय का परिश्रम व व्यय सफल समझा जायगा,
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