इस पृथ्वी पर रहने वाले समस्त चराचर जीव आकाशीय ग्रहों व सितारों और उनकी चाल से क्षण-प्रतिक्षण प्रभावित होते रहते हैं। हजारों वर्षों पूर्व मनीषियों-महर्षियों ने सूक्ष्म प्रज्ञा के द्वारा मानव देह में स्थित ग्रहों का गहनता के साथ अनुसंधान करने के उपरांत आकाशीय सौरमंडल के सदस्य ग्रहों की व्यवस्था का अनुमान लगाया और साथ ही एक आकाशीय ग्रहों का मानव शरीर तथा जीवन पर पड़ने वाले समस्त प्रभावों का सूक्ष्मता से अन्वेषण भी किया और इस अद्भुत विद्या को ‘ज्योतिष’ के नाम से अलंकृत किया।
भारतीय ज्योतिष के अनेकांगों में गणित और फलित भाग महत्त्वपूर्ण हैं। फलित ज्योतिष के द्वारा मानव जीवन और भाग्य पर पड़ने पर ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव का विचार किया जाता है। ब्रह्माण्ड में अनेकानेक ग्रह- नक्षत्र आदि हैं, किंतु ज्योतिषीय दृष्टि से सिर्फ नौ प्रमुख ग्रहों का प्रभाव ही हमारे जीवन पर पड़ता है।
‘लाल किताब’ भारतीय ज्योतिष का एक अद्भुत व अनुपम ग्रंथ है। इस ग्रंथ में सभी नवग्रहों के विषय में नए सिरे से व्यावहारिक व्याख्या करते हुए फलित ज्योतिष के अनुपम सूत्रों की जानकारी के साथ नवग्रह जनित दोषों के उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन दिया गया है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से ‘लाल किताब’ में वर्णित नवग्रह शांति तथा ग्रह अनुकूलन के साथ-साथ कष्ट निवारणहेतु सरल किंतु प्रभावशाली टोटकों व उपायों को पहली दफा प्रस्तुत किया जा रहा है। हमें विश्वास है कि आमजन इस पुस्तक में वर्णित उपायों का उपयोग करके वांछित लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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