Jyotish Prashnotari
ज्योतिष शब्द की उत्पत्ति त – दीप्तौ धातु से हुई जिसका अर्थ है अग्नि, प्रकाश और नक्षत्र । दूसरे शब्दों में सूर्यादि ग्रहों एवं नक्षत्रों की गति और उनका मानव जीवन पर प्रभाव की गणना करने हेतु जो शास्त्र अथवा ग्रंथ लिखा गया, उसे ज्योतिष कहते हैं। ज्योतिष स्वयं में एक दिव्य ज्ञानपुंज का संभावित लेखा-जोखा है जो मनुष्य को उसके भूत, भविष्य, वर्तमान का लेखा-जोखा, ब्रह्मांड में स्थित नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति – परिस्थिति अनुसार प्रदर्शित करता है।
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