आमुख हिन्दू धर्म एक भारतीय हिन्दू अध्यात्म की आत्मअभियक्ति है। हिन्दुत्व देश का सरल एवं वृहद् सशक्त धार्मिक व्याख्या प्रस्तुत करता है। यह एक (भारतीय हिन्दू अध्यात्मिक दर्शन) ऐसी सभ्यता है, जो भारतवर्ष में सशक्त भारतीयता का अध्ययन अनुभव की उपलब्धता है।
भारतीय हिन्दू दर्शन कई सौ वर्षों, सनातन धर्म आस्था की व्याख्या है। यह एक ऐसी नारायण पूजा है, जो भूत-वर्तमान के साथ सुखद भविष्य की ओर ले जाता है। जब-जब हम नयापन अपनी सभ्यता एवं संस्कृति में ढूंढते हैं तो यही संजीवनी बूटी देश का भविष्य तैयार करती है। एक सुरक्षा या सुरक्षित वातावरण हिन्दू धर्म की एक विशेषता है। यदि हम अपने-आप को विश्व के समीप रखते हैं, तो यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की धारणा के साथ प्रस्तुत है। कोई विवाद नहीं, निर्विवाद है।
जब यह जानना अतिआवश्यक है, की भविष्य हमारा प्रगतिशील है, तो राजनेता इस व्यवस्था का उलंघन न करें तो हमारा अध्यात्म हिन्दुत्व को शक्तिशाली करेगा। जब अन्धकार, प्रकाश को अपने में समेटने लगता है, तभी ज्ञान ज्योति से आस्था और श्रदा का भविष्य बनता है ।
किसी घटना में कार्य-कारण सम्बन्ध पहले से है, उसे समझकर प्रगतिशील विचारधारा को प्रारंभ से अंत तक क्रियान्वयन केवल हिन्दू धार्मिक विश्लेषण में संभव है।
भारतीय ज्ञान, भारतीय विद्वानों की देन है। परस्पर सहयोग से माहौल में समन्वय का वातावरण बनता है। यह देश की एकता और अखंडता है। राजनेता देश को खंडित स्थिति से एकता के समाज और भू-भाग में व्यवस्थित करने का मूल मंत्र है। देश विभाजन से सहयोगी माहौल में वर्तमान में उपस्थित हो, यही परिणाम सफल है।
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