ज्योतिषशास्त्र आर्यावर्त्तनिवासी हिन्दुओंका सर्वस्वधन है, ज्योतिषके न होनेसे हिन्दुओंका एक क्षण भी कार्य नहीं चल सकता, जिस समय जीव गर्भमें आता है उस समयसे लेकर मृत्युकालपर्य्यन्त क्या मृत्युकालके अनन्तर भी ज्योतिषशास्रसे हिन्दुसन्तानका सम्बन्ध रहता है, हिन्दुओंको प्रत्येक कार्य्यमें ज्योतिषकी सहायता लेनी पड़ती है इस कारण प्रत्येक हिन्दुओंको थोड़ा बहुत ज्योतिषशास्त्र अवश्य जानना चाहिये, परन्तु कालकी विकराल गतिसे आजकल हमारे देशमें ज्योतिषकी चर्चा जैसी लुप्त होगई है, उसको स्मरण करनेसे चित्त अत्यन्त ही खिन्न होता है, ज्योतिषशास्त्रका अध्ययन तीनों वर्गों के लिये अत्यन्त आव- श्यक है
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