Dev Keralam
भारतवर्ष की स्वतंत्रता के बाद और विशेष रूप से पिछले कुछ दशकों में, भारतीय ज्योतिष-सम्प्रदाय में नाडी-ज्योतिष के प्रति रूचि में बहु-आयामी प्रगति हुई है। संभवतया इस का कारण इस की अतिप्राचीनता, रहस्यमयता, पूर्वानुमान के तरीके और भविष्य में इसमें अपार अनुसंधान की संभावना हैं। पहले भी बहुत से संत, महिषियों और विज्ञजनों ने इस विषय पर अनुसंधान कर अनेको नाडी ग्रंथों को लिखा था। ये ग्रन्थ भोजपत्र पर संस्कृत या मूल प्राचीन भारतीय भाषाओं में लिखे गए थे। इनमें से अधिकाँश समय के कोप के कारण लुप्त हो गए। जो बचे हैं उनको उनके वर्तमान स्वामी अपने से अलग नहीं करना चाहते और वंश परम्परा के अनुसार कुछ परिवारों में ही सीमित रह गए हैं। स्वतंत्रता के बाद कुछ प्रमुख पुस्कालयों (विशेष रूप से दक्षिण भारत में स्थित) ने इन ग्रंथों को एकत्र और व्यवस्थित रखने का और अन्य प्रचलित भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराने का बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया है।
नाडी ज्योतिष में तीन प्रकार के ग्रन्थ हैं- मंत्र नाडी, तंत्र नाडी और नाडी ग्रन्थ। मंत्र-नाडीयों में कुछ “उच्छिष्ट” या “क्षुद्र” मन्त्रों पर नियंत्रण पाया जाता है। इनमें प्रमुख “अपरा नाडी” और “विराट नाडी” हैं। तंत्र नाडी प्रमुख तंत्र-विद्यायों पर आधारित हैं और इनके पांच प्रमुख प्रकार हैं- (1) ब्रह्मानंद नाडी (2) शरीर नाडी (3) पंचभूत नाडी (4) त्रिराजा नाडी और (5) वायु नाडी। इन मंत्र और तंत्र नाडीयों द्वारा भूतकाल की घटनाओं का तो सही पता चल जाता है लेकिन भविष्य के पूर्वानुमान में बहुत कमी रह जाती है। नाडी ग्रंथों को दक्षिण भारत में “नाडी”, उत्तर भारत में “संहिता” और श्री लंका में “ओले” कहते हैं।
सहिताओं में प्रमुख “भृगु-संहिता”, “रावण संहिता”, “गर्ग-संहिता” और “अरुण-संहिता” हैं। पुराणों में 72 नाडी ग्रंथों का उल्लेख है लेकिन अब तो बहुत कम ही उपलब्ध रह गये हैं। इन नाडी ग्रन्थ के नाम अधिकतर उन से संबंधित महिषियों अथवा ग्रहों के नाम पर हैं। कुछ प्रमुख नाडी ग्रंथों के नाम हैं- 1. भृगु नाडी 2. देव-केरलम् (चन्द्र-कला नाडी) 3. जया मुनि की ध्रुव-नाडी 4. सत्याचार्य की ध्रुव नाडी 5. कपिला नाडी 6. कमला मुनी नाडी 7. भार्गव नाडी 8. अगस्त्य नाडी 9. मार्कडेय नाडी 10. सप्त-ऋषि नाडी 11. कौशिक नाडी 12. नारद नाडी 13. काका-भुजंदर नाडी 14. भृगु-नंदी नाडी 15. कौमार नाडी 16. सूर्य नाडी 17. कुज-नाडी 18. बुध-नाडी 19. गुरु-नाडी 20. शुक्र-नाडी 21. शनि नाडी 22. लग्न-नाडी 23. योग नाडी 24. नव-नाडी 25. सत्य नाडी 26. सरस्वती-नाडी।







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