कौन नहीं जानना चाहता कि क्या होगा ? जीवन के प्रत्येक दिन, प्रत्येक रात, प्रत्येक घड़ी, प्रत्येक क्षण नयी- नयी विषमताएँ, नयी-नयी समस्याएँ, नयी-नयी उलझनें लेकर आते हैं और हमारे अस्तित्व को चुनौतियाँ देने लगते हैं । और हम अत्यन्त निरीह; बिलकुल परवश ! स्वयं अपनी शरीर, अपनी बुद्धि और विवेक आदि पर अपना प्रभुत्व नहीं ! हानि, लाभ, जीवन, मरण, यश, अपयश, हर्ष, विषाद, सुख, दुःख, कुछ भी तो अपने हाथ में नहीं ।
समय रहते, तूफान के आने की सूचना दी जाती है। दुश्मन का हवाई हमला आसन्न है; साइरन बजाया जाता है । क्यों ? इसलिए कि हम सुरक्षा की यथासम्भव व्यवस्था कर लें ।
ज्योतिष यही कार्य करता है । साधारण मानव की दृष्टि-सामर्थ्य के परे दैवी कृपा और कोप की पूर्व सूचना देना ज्योतिषशास्त्र की उपादेयता है और इस आकांक्षा को पूर्ति प्रस्तुत पुस्तक शतप्रतिशत करती है अस्तु, किसी भी क्षण किसी भी समस्या के उपस्थित होने पर आप स्त्रयं इस पुस्तक से पूछकर अपनी गति की सही दिशा निर्धारित कर लें ।
ऐसी बहुमूल्य पुस्तक आपको अबतक तो नहीं ही मिली है, इस तथ्य को आप हृदय से स्वीकार करेंगे । यह पुस्तक आपके सभी संभाव्य सम्पत्ति और विपत्ति की पूर्व सूचना देकर निश्चय ही आपका सविशेष उपकार करेगी । आप पायेंगे कि यह पुस्तक ‘कुतुबनुमा’ है । इस अपार संसार को आपको नन्हीं-सी नाव के सहारे पार करना है। इस ‘कुतुबनुमा’ से अपनी दिशा पूछते रहिये ।
Reviews
There are no reviews yet.