पुस्तक एक दृष्टि में 1 भारतीय संस्कृति में विवाह का स्वरूप व महत्त्व । 2 जन्म कुंडली से पत्नी के रग रूप तथा स्वभाव का ज्ञान । 3 सप्तमस्थ ग्रह से पत्नी का व्यवहार जानना । 4 सप्तम भाव से सम्बन्धित योग । 5 विभिन्न भावों में स्थित शुक्र का फल (8 उदाहरण कुंडलियां) 6 ससुराल दूर, पास, धनी ससुराल के योग (उदाहरण दूर ससुराल 4, समीप ससुराल 5 धनी ससुराल 7 16 कुंडलिया) 7 शीघ्र विवाह के योग (11 उदाहरण कुंडलियां) 8 विलम्ब से विवाह होने के योग (10 उदाहरण कुंडलियां) 9 विवाह प्रतिबंधक योग (10 उदाहरण कुंडलियां) 10 दांपत्य जीवन में कटुता के ज्योतिषीय कारण (6 दंपत्तियों की 12 उदाहरण कुंडलियां) 11 कष्ट व क्लेश का ज्योतिषीय विवचेन (10 उदाहरण कुंडलियां) 12 विवाह सम्बन्धी समस्याओं का उपचार (13 उदाहरण कुंडलियां) 13 शुक्र का परस्पर सम्बन्ध, जन्म राशि से स्वभाव तथा नक्षत्र दोष के परिहार पर विचार हुआ है । 14 मुहूर्त की शुभता बढ़ाने वाले योग बताए हैं । 15 विवाह समय जानने के नियम (15 उदाहरण कुंडलियां) (15 प्रेम विवाह की उदाहरण कुंडलियां) 16 मेलापक क्या, क्यों, कैसे(6 उदाहरण कुंडली से मेलापक विचार) 17 दांपत्य जीवन एक शोध पत्र (30 दंपत्तियों की 60 कुंडलियों पर विचार) 18 वैवाहिक सुख वृद्धि के मंत्र(कुल कुंडलियां संकलित हैं)
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