भविष्य कथन के तीन चरण व्यावसायिक जीवन में उतार-चढ़ाव दिसम्बर १९८४ के भारतीय लोक-सभा के चुनाव के प्रकरण से यह निर्णय हुआ कि प्रथम श्रेणी के राजयोगों से सम्बन्धित जातक मंत्री बन गये। द्वितीय श्रेणी के राजयोगों सम्बन्धित जातक मात्र सांसद बन पाये जबकि तीसरी श्रेणी के राजयोग से सम्बन्धित जातक अपना लोकसभा चुनाव हार गये ।
काल या अवधि किन्तु इन दोनों का फल प्राप्त करने के लिए उपयुक्त दशा का आना आवश्यक है। कोई भी ग्रह जो दशम भाव या दशमेश या सप्तम भाव या सप्तमेश से सम्बन्ध रखता है ऐसे ग्रह अपनी महादशा में और अन्तर्दशा में जातक के सम्मान व पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि करते हैं। दोहरा गोचर जब उक्त दो स्थितियां, योगों की कुण्डली में उपस्थित और अनुकूल दशा चल रही हो, ऐसी स्थिति में ही दोहरे गोचर के तथ्य पर विचार करना चाहिए।
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