पीपल वृक्ष को हम वृक्षों के संदर्भ में देखें तो स्पष्ट हो जाता है कि समस्त प्रकार के वृक्ष हमारी जीवन रेखा हैं। वृक्षों के अभाव में हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वृक्ष जीवन की गतिशीलता का परिचायक हैं क्योंकि वृक्ष जटिल स्थितियों में भी पनपते हैं। जो वृक्ष फल देते हैं, वे वर्षों तक फल देते रहते हैं। वृक्षों पर लगने वाले जितने प्रकार के फल हैं, उन सबका सम्बन्ध हमारे स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है। वृक्षों एवं छोटे पौधों की हरियाली, उन पर लगने वाले विविध प्रकार के रंगों वाले फल एवं फूल मन को शांति पहुँचाते हैं।
मनुष्य द्वारा छोड़ी गई हाइड्रोजन को ग्रहण करके हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं। यही वृक्ष एवं पौधे पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। अगर हम समय काल में कुछ पीछे जायें तो मालूम चलेगा कि पृथ्वी पर कैसी हरियाली चारों तरफ बिखरी पड़ी थी। छोटे पौधे हों अथवा विशाल वृक्ष, वे मनुष्यों के साथ-साथ सभी जीवों को रोज ही नया जीवन देते हैं। वृक्षों से प्राप्त फलों के द्वारा आहार एवं जल की पूर्ति एक साथ हो जाती है, इसलिये पहले विविध प्रकार के वृक्षों एवं पौधों का रोपण एवं पालन किया जाता था।
अनेक वृक्ष स्वतः ही उग जाया करते थे और अनेक वृक्षों को बीजों द्वारा पनपाया जाता था। तब जितना प्रयास वृक्षों एवं पौधों को उगाने के लिये किया जाता था, उससे अधिक प्रयास उनका पालन करने के लिये किया जाता था। तब मानव मन में संतोष था, विकास की प्रतिस्पर्द्धा थी, जो कुछ पास में होता था, उसी से सभी सुखों का भोग किया जाता था। इसके बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, वैसे-वैसे सब कुछ बदलता चला गया।
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