आज हमारी अधिकांश समस्याओं और असफलताओं का सबसे बड़ा कारण ही यह है कि हम अपनी महान प्राचीन कलाओं और सिद्धांतों को भूल चुके हैं। आज की नई पीढ़ी और उसमें भी विशेषतौर पर महानगरों के निवासी तो टोने-टोटकों, गंडे-ताबीज, यंत्र-मंत्र और तांत्रिक प्रयोगों को बड़ी आसानी से ढोंग, ढकोसला और अंधविश्वास तक कह देते हैं।
वैसे इसमें उनका अधिक दोष भी नहीं। आज अनेक आधे-अधूरे जानकार बिना किसी प्रकार के अध्ययन-मनन के ही इस प्रकार के कार्य कर रहे हैं और यही होता है उनकी असफलता का सबसे बड़ा कारण। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस जीवन्त विषय पर अच्छी पुस्तकों का भी नितांत अभाव है।
टोनों-टोटकों, गंडे-ताबीजों, उतारों, यंत्र-मंत्रों और तांत्रिक साधनाओं पर हमारे धर्मशास्त्रों और अन्य प्राचीन ग्रंथों में विपुल ज्ञान उपलब्ध हैं। इस विषय पर अच्छी पुस्तकों के अभाव का सबसे बड़ा कारण ही यह है कि इस प्रकार की पुस्तकें लिखते समय प्राचीन ग्रंथों की तरफ ध्यान तक नहीं दिया जाता। इस पुस्तक की रचना करते समय मैंने उस प्राचीन ज्ञान के सागर से अत्यंत उपयोगी मोती चुन-चुनकर बोलचाल की सरल भाषा में आपके लिए प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
मंत्रों, यंत्रों, प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों और विधि-विधानों का चयन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि ये सभी सहज और सर्वसुलभ हों। भाषा की सुगमता पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता है तो सामग्री का शास्त्रोक्त और अनुभव सिद्ध होना वह प्रमुख गुण जिसका इस प्रकार की अधिकांश पुस्तकों में नितांत अभाव होता है।
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