Shareer Lakshan Evam Cheshtayen
शरीर के दस विभाग। उत्तम पुरुषों के सुलक्षण । पंचदीर्घ अंग। चतुर्हस्व अंग। पंचसूक्ष्म अंग। छह ऊंचे अंग (षडुन्नत) । सप्तरक्तअंग। त्रिगभीर अंग। त्रिविस्तीर्ण अंग। गर्गऋषि का मत। चतुर्दस सम (चौदह जोड़ा) अंग बराबर। चतुः कृष्ण (चारकाले) अंग। चतुःसम (चार बराबर) अंग। दशपदम् (गुलाबी) अंग। दश बृहत् (बड़े) अंग। त्रिशुक्ल (सफेद) अंग। अग्निपुराण व रामायण का मत। त्रित्रिक विचार। त्रिभिर्व्याप्तः (छा जाना)। त्रिप्रलम्ब अंग। त्रिवली युक्त। त्रिविनत । चतुर्लेखन चतुष्किष्कु विचार। नवामल (9 साफ) अंग। चतुर्गन्ध । न्यग्रोधपरिमण्डल विचार ।
प्रथम दृष्टि विचार। पैर के दोष । पैर के अंगूठे । अंगूठे की नाप। पैर की अंगुलियां नाप। तलुवे की ‘नाप। अंगुलियों का फल। पैर के नाखून। पार्ष्णि (एडी) विचार। टखने का विचार। पादरेखाएं व चिन्ह । परिवार विघटन का चिन्ह। भटकाव का चिन्ह । सफल जीवन का अंग। आलसी होने का चिन्ह । यशस्वी होने का चिन्छ । राज्यप्राप्ति । युवावस्था में कार्य परिवर्तन। दाम्पत्य प्रेम की अधिकता। तस्कर होने के चिन्ह। चरित्रहीनता के चिन्ह व रति रोग। झूठे बड़प्पन का चिन्ह। विवाह न होने के चिन्ह। अनादर योग। स्त्रियों के पैर । उत्तम लक्षण। विशेष वर्जित दोष । पैर की अंगुलियां। टखने आदि का विचार l
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