Sarvartha Chintamani
600 वर्षों से भी पहले कदाचित् कही गई प्रस्तुत रचना ज्योतिषशास्त्र के सर्वश्रेष्ठ गुरु श्री वेंकटेश द्वारा प्रोक्त है। दाक्षिणात्य विद्वान द्वारा हस्तान्तरित यह शास्त्र ज्ञान सम्भवतः सीधे अपने प्रत्यक्ष शिष्यों को प्रदान किया गया था। लगभग 1900 श्लोकों में फलित ज्योतिष के कुछ ऐसे अनुभवसिद्ध नियम दिए गए हैं कि उन्हें प्रयोग-व्यवहार में खरा पाकर मन प्रफुल्लित होता है। संस्कृत पाठ का सम्यक् शोधन करने के उपरान्त व्याख्या के साथ में शुद्ध अर्थ को ही प्रकट किया गया है। बड़े शास्त्र ग्रन्थों में डूबने उतराने के अभ्यास से पूर्व इस प्रसिद्ध ग्रन्थ का पारायण अध्ययन करना हर दृष्टि से लाभप्रद्र व ज्ञानपोषक ही सिद्ध होगा।
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