Ratna Pradeep
रत्नों की संख्या काफी बड़ी है, परन्तु भारत में जौहरियों ने विशेष मान्यता केवल 84 रत्नों को दी है। इन 84 रत्नों में से 9 माणिक्य, मोती, प्रवाल (मूंगा) पन्ना, पुष्पराग (पुखराज), हीरा, नीलम, गोमेद और वैदूर्यमणि (लहसुनिया) नवरत्न की श्रेणी में प्रतिष्ठित हैं। इन नवरत्नों में से भी 5 रत्न यथा माणिक्य, मोती, हीरा, नीलम, और पन्ना को एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है और वे महारत्न माने जाते हैं, शेष केवल रत्न ।
इन नवरत्नों के अतिरिक्त जो रत्न हैं उन्हें उपरत्न माना जाता है। परन्तु शोभा और मूल्य में कुछ उपरत्न कहलाने वाले रत्न कितने ही नवरत्नों की गणना में आये रत्नों की आभा से कम नहीं होते। कठोरता, टिकाऊपन, दुर्लभता, चमक, दड़क, पारदर्शिता या पारभासिकता में वे रत्न किसी प्रकार पीछे नहीं हैं। हम नीचे, मान्यता के अनुसार 84 रत्नों की सूची तथा उनका अत्यन्त संक्षिप्त परिचय देते हैं। आगे चलकर हम इन रत्नों तथा अन्य प्रचलित रत्नों का विस्तृत विवरण देंगे।
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