Rahu Ketu Avam Grhan Vichar
राहु-केतु के बारे में भ्रमपूर्ण कथाएं, किंवदंतियां यत्र-तत्र सर्वत्र व्याप्त हैं, जिसका सत्यासत्य अन्वेषण, वैज्ञानिकी स्पष्टीकरण आज के युग की मांग है। प्रस्तुत पुस्तक इन्हीं सभी तथ्यों को स्पष्ट कर रहा है। सूर्य-चंद्र ग्रहण के समय उत्पन्न जातक, पशु- पक्षी, पेड़-पौधे, प्राकृतिक उत्पात, भूकंप, जल-प्रकोप, ज्वालामुखी, उल्कापात, दिग्दाह, मानवी त्रासदी एवं भारी मात्रा में हो रहे नरसंहार – ये सभी वैज्ञानिकों के अनुसंधान का विषय रहे हैं। जबकि ज्योतिषीय तथ्यों पर आधारित भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा यह अनुसंधान विश्व वैज्ञानिकों को पर्याप्त प्रभावोत्पादक और आश्चर्यदायक रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में सूर्य-चंद्र ग्रहण पर बृहद विचार किया गया है, जिससे जातक की कुंडली पर अनेकानेक प्रभावों को ज्योतिषियों द्वारा फल विचार करने में यह अनमोल ग्रंथ अग्रगण्य है।
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