Rahu ketu
वह किससे कब कौन-सा काम कराएगा ये जानना बहुत मुश्किल है। ज्योतिष चर्चा में प्रश्न उठा एक ओर तो हम राहु केतु को छाया ग्रह कहकर उनका अस्तित्व नकारते हैं। दूसरी ओर स्वयं महर्षि पराशर ने विंशोत्तरी दशा में 18 वर्ष राहु तथा 7 वर्ष केतु को देकर मानव जीवन के बहुमूल्य / 25 वर्षों पर इन ग्रहों का आधिपत्य स्वीकारा है।
राहु सभी अच्छे-बुरे परिणाम कुछ इस प्रकार देता है कि उसका पूर्वानुमान एक चुनौती बन जाता है। राहु केतु पर अंग्रेजी भाषा में दो पुस्तकें दीख पड़ीं। किन्तु हिन्दी भाषी पाठकों के लिए राहु केतु पर अच्छी पुस्तक का अभाव. था।
मेरे मित्र श्री अमृतलाल जैन से स्रोत सामग्री संकलन का दायित्व संभाला। मेरे ज्योतिषी मित्रों ने सामग्री चयन व सम्पादन का कार्य संभाला। मेरे प्रशंसक पाठक व शोधकर्ता मित्रों ने भी टिप्पणियां, योग, कुंडली व अनुभव देकर पुस्तक की रूपरेखा निर्धारित की।
बस इन सबके सम्मिलित प्रयास से पुस्तक ने एक आकार ले लिया इसे ‘अपना प्रयास’ मैं नहीं मानूंगा। निश्चय ही संकलन में कुछ भूलें या त्रुटियां अनजाने में अज्ञानता अथवा प्रमाद के कारण हुई होंगी। उसके लिए में क्षमाप्रार्थी हूं।
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