Prashna Jyotish
प्रश्न- शास्त्र में प्रश्नों को दो वर्गों में विभक्त किया जा सकता है- (1) वाचिक प्रश्न (2) मूक प्रश्न । जब प्रश्नकर्ता स्वयं अपने प्रश्न को ज्योतिषी के सामने रखकर उसका फल पूछता है, तब वह वाचिक प्रश्न कहलाता है। परंतु जब प्रश्नकर्ता अपने मन में सोचे हुए प्रश्न या मनोभावों को न बतलाते हुए ज्योतिषी से अपना प्रश्न व फल जानना चाहता है तो इन प्रश्नों की जानकारी तथा उसका समाधान करना एक विशिष्ट चमत्कार पूर्ण पहलू है। यद्यपि मूक प्रश्न का निर्धारण या यथार्थ ज्ञान करना एक जटिल पहेली है, तथापि हमारे पूर्वज महर्षियों एवं आचार्यों ने इसके रहस्योद्घाटन हेतु प्राचीन काल से अद्यावधि निरन्तर प्रयास किए हैं और स्व-प्रयासों में सफल हुए है तथा इस चमत्कार से लोगों को प्रभावित कर इस शास्त्र में उनकी आस्था को दृढ़तर बनाते रहे हैं। 5वीं शताब्दी से लेकर आज तक प्रश्न शास्त्र पर कई एक ग्रंथ लिखे गए हैं। उन सभी में प्रायः मूक प्रश्न की चर्चा की गई है।
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