आई. आई. टी. दिल्ली से सोलर इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट डॉ. ‘परमहंस’ ज्योतिष की कई उच्च संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत अनेकों संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं। लगभग तीस वर्षों से ज्योतिष के अध्ययन में संलग्न हैं। विख्यात पत्र-पत्रिकाओं में इनके 400 से भी अधिक लेख प्रकाशित हुए हैं। देश एवं विदेश की अनेक संस्थाओं से जुड़े हैं। कर्ड स्वर्णपदक विजेता डॉ. ‘परमहंस’ आजकल इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं। प्रस्तुत पुस्तक में ज्योतिष के सिद्धांतों की कुंडलियों के माध्यम से व्याख्या की गई है तथा कालसर्प योग से संबंधित सभी प्रकार की प्रांतियों को दूर करके इसे सरलतम ढंग से प्रस्तुत किया गया है। सटीक उपाय एवं मंत्रोपचार पर विशेष बल दिया गया है।
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