मूहूर्त की अंग्रेजी की पुस्तक के बाद पाठकों की अत्यधिक मांग पर यह हिन्दी अनुवाद निकालते हुए मैं यहां विशेष रूप से इस पुस्तक के अनुवादक श्री पवन बल्लभ थपलियाल का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने अपना कीमती समय देकर, अपने अथक परिश्रम से यह कठिन कार्य सम्पन्न किया है। सर्वप्रथम मैं इनका संक्षिप्त परिचय पाठकों से कराना चाहूंगा। श्री पवन बल्लभ थपलियाल मूलरूप से उत्तराखण्ड से संबंधित हैं, हिन्दी, अंग्रेजी के अतिरिक्त संस्कृत का ज्ञान रखते हैं और वर्तमान में भारत मौसम विज्ञान विभाग में कार्यरत हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि होने के उपरान्त भी शिक्षा पूर्ण करने के बाद इन्होंने आधुनिक रीति से भारतीय विद्या भवन से ज्योतिष सीखा और उतराखण्ड की देवभूमि में इधर-उधर बिखरे ज्योतिष के ज्ञान को समेटने, उसको आधुनिक रीति से संकलित करके जन-जन तक पहुंचाने में प्रयासरत हैं।
इस पुस्तक में मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास है:
(1) मुहूर्त से संबधित सूचना को व्यवस्थित एवं सरल शब्दों में एक ज्योतिष विद्यार्थी के समक्ष रखना,
(2) मुहूर्त के घटकों का तुलनात्मक महत्व प्रस्तुत करना,
(3) कुछ नए विचारों से परिचय जिन्हें आमतौर पर मुहूर्त चयन में उपेक्षित कर
दिया जाता है-जैसे दशा, अष्टकवर्ग एवं ताजिक योगों का मुहूर्त में प्रयोग, (4) आवश्यकता पड़ने पर कम समय के अंदर कैसे मुहूर्त का चयन किया
जाए।
यह पुस्तक पाठकों की रूचि और उपयोगिता का कितना ख्याल रख पाई यह तो पाठक ही तय करेंगे। विज्ञ पाठकों के बहुमूल्य सुझावों का सदा स्वागत
है।
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