Maharshi Jaimini’s Jaimini Sutram (Complete)
जैमिनीय सूत्रों की रचना करने से पूर्व जैमिनिमुनि भगवान शंकर की स्तुति करते हुए वर्णनीय विषय की घोषणा करते हैं। यहाँ पर उपदेश शब्द के दो अर्थ हैं – भगवान् शंकर और ज्योतिष शास्त्र । संस्कृत भाषा में ‘उ’ अक्षर का अर्थ है- शिव, अर्थात् उकार के अधिष्ठाता शिव हैं। ‘उपदेश’ शब्द का अर्थ हो जाता है- ‘उ’ पद अर्थात् अक्षर वाले ईश अर्थात् प्रभु शंकर । ऐसे भगवान् शंकर को हम विशेष श्रद्धा के साथ नमस्कार करते हैं।
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