ग्रह शांति कर सुख – सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाली अति विशिष्ट जानकारी
लाल किताब को ज्योतिष शास्त्र का एक अनूठा ग्रन्थ माना जाता है I इसमें जातक की जन्मकुण्डली का सटीक विश्लेषण तो है ही, हस्तरेखाओ को देखकर शुद्ध कुण्डली के निर्माण की प्रक्रिया भी बताई गई है अर्थार्त यदि जातक के जन्म -समय, स्थानादि के बारे में सही जानकारी नहीं है,तो भी जातक का भविष्य कथन बिना किसी संशय के किया जा सकता है I
मान्यता है कि भविष्य कथन की इस विधि का ज्ञान भगवान् सूर्य के सारथी अरुण ने राक्षसराज लंकाधिपति रावण को दिया था I प्राचीन ग्रंथो के अनुसार, भगवान् शिव के आशीर्वाद से राक्षसों की संताने क्योकि जन्म लेते ही सोलह वर्ष की हो जाती थी, इसलिए उनके जन्म समय आदि के आधार पर जन्मकुण्डली बनाने का प्रश्न नहीं उठता था I और फिर सही जन्मकुंडली के लिए सही जन्म – समय आदि की जानकारी भी तो आवश्यक है I इसमें कुछ क्षणों का भी अंतर भविष्य कथन की सत्यता पर प्रश्नचिन्ह लगा देता है I और ऐसी दोनों ही स्थितियों में लाल किताब में प्रतिपादित हस्तरेखाओ द्वारा कुण्डली निर्माण कर भविष्य बताने की उपयोगिता सिद्ध हो जाती है I
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहो को अनुकूल बनाने के लिए जहा तंत्र- मन्त्र अनुष्ठानो को प्रयोग में लाया जा सकता है, जो प्रत्येक की पहुंच से परे है परिणामस्वरूप इनके लिए दुसरो पर आश्रित होना पड़ता है, वही लाल – किताब में बताए गए सरल – सुगम टोटके चमत्कारिक रूप से जातक के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल देते है I
हमें विशवास है कि ‘ लाल किताब ‘ पर आधारित इस पुस्तक में दिए गए उपाय समस्त कष्टों का निवारण कर आपके जीवन में सुख – समृद्धि और शांति प्रदान करेंगे I
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