Kismat ke Anmol Ratan
अथर्ववेद में बताए गए उपयोगी रत्नो नगों और नगीनों को धारण करने से सोया भाग्य जगत। है, ऐसा वेद वचन है।कौन सा रत्न पहनें? किस हाथ में कौन सी अंगुली मे पहनें? हाथ के अलावा कहां पहने? रत्न पहनने से क्या लाभ होगा? इत्यादि प्रश्नों का वेदोक्त समाधान प्रस्तुत करने वाले इस ग्रन्थ मे खास तौर पर आपके लिए मधुकरवृत्ति से चुन चुनकर इन बिन्दुओं पर सरल व सुबोध शैली में विचार किया गया है-1. अपना भाग्यशाली रत्न खुद चुन सकने के सुबोध तरीके,2. नौ ग्रहों के रत्नों में से कौन से रत्न शुभ व लाभ देने वाले हैं ,3. नगों और नगीनों के अतिरिक्त वनस्पति रत्नों का अथर्ववेदीय विवेचन, 4. जन्मपत्री की गहरी पड़ताल किए बिना ही केवल अपने लग्न या राशि के आधार पर अनुकूल रत्नों का निश्चय ,5.राशि के आधार पर व्यक्ति के मूलभूत गुणों और विशेषताओं की खिलावट, 6. जन्म समय में ग्रह किस भाव में स्थित है, इस आधार पर रत्न पहनने के शुभ अशुभ फलों का खुलासा,
7.रत्न न पहन पाने की स्थित में रत्नों के जल से और रत्नों को सहेजकर रखने भर से ही भाग्योदय के आसान ,8.रोगशान्ति के लिए रत्नों का व्यापक उपयोग: वैज्ञानिक नजरिया ,9.सब ग्रहों के सस्ते मुख्य उपरत्नों का विवरण, 10अनुकूल ग्रह के साथ बैठे ग्रहों से रत्नधारण के फल में उतार चढ़ाव का लेखाजोखा, 11.ग्रहों की शुभता का आधार: रत्नों की रासायनिक संरचना या उनका रंग, 12.अपने खानपान में रत्नतुल्य वनस्पतियों और साग सब्जियों को शामिल कर ग्रहों की शुभता बढ़ाकर भाग्य की अनुकूलता पाने के आसान सोपान, 13.सब कुछ ऋषियों मुनियों और वेद मन्त्रों के आधार पर निर्णय, 14.रत्नों में ग्रहों की दैवी शक्ति, 15.रत्नों के बारे में अजब गजब विश्वास, 16.ज्योतिष का व्यवसाय करने वाले लोगों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी बराबर उपयोगी रचना, 17.सरल सुबोध हिन्दी में अवश्य पठनीय: आधुनिक वैज्ञानिक नजरिया: सुनिश्चित लाभ।
Reviews
There are no reviews yet.