ABOUT THIS BOOK काल चक्र दशा से फलित * वर्तमान समय में जो पुस्तके कालचक्र दशा में सम्बन्धित है, उनमे ऐसे ही उदाहरणों को रखा गया है जिसमे देहादि संज्ञक राशि या उनके स्वामी पीड़ित है l जबकि उन पुस्तको में ऐसे उदाहरणों को भी रखा जाना चाहिए था जिनमे देहादि संज्ञक राशि दशा में मृत्यु नहीं हुई हो, परन्तु शास्त्रीय सिद्धान्त लागु होते हो, ताकि विधायर्थीगण दोनों स्थितियों से भिन्न हो जाते l * कुछ उदाहरणों में मृत्यु दशा ही गलत लगा रखी है l * कुछ उदाहरणों में प्रथम चक्र की देहादि संज्ञक राशि दशा में मृत्यु होना दर्शाया गया है जबकि जातक द्वितीय चक्र की दशा राशि में मृत्यु को प्राप्त हुआ है l * अंतर्दशा गणना हेतु परमायु वर्षो के महत्व को नहीं बताया गया है l


 
     
     
     
    ![Ayur Jyotisham(Ayurveda Astrology)[MXP]](https://saptarishisshop.com/wp-content/uploads/2025/10/a7644d7d-3347-4d09-90aa-e5632d747f1f-1-300x300.jpeg) 
    












 
                    ![Laghu Parashari [AP] 2 Laghu Parashari](https://saptarishisshop.com/wp-content/uploads/2023/09/Screenshot-2023-09-13-172654-100x100.png) 
                    
Reviews
There are no reviews yet.