दुर्भाग्य से हमेशा कुछ ऐसे महान सनकी लोग रहेंगे जो अर्थ का अनर्थ करके मानव जाति को लाभ पहुँचाने वाले ज्योतिष विज्ञान का अपने लाभ के लिए दुरुपयोग करेंगे। यह पुस्तक ऐसे विचार के लोगों की प्रतिकारक है। इसमें आत्मरक्षा के उपाय तथा इस आत्मिक विद्या को दुरुपयोग करने वाले चरित्र शून्य लोगों को काबू करने के तरीके बताये गए हैं। प्राणिक हीलिंग के महान पुजारी ने ज्योतिष और विशेष कर साढ़े साती तथा कालसर्प योग के बारे में जो कुछ लिखा है उसका विस्तार कीजिए।
तुम्हारी जन्मकुंडली के कालसर्प योग की चर्चा करके कोई ज्योतिष तुम्हें भयभीत करता है तो तुम्हें स्वयं को आत्मरक्षा के लिए तैयार करके उससे पूछना चाहिए कि क्या इस योग का उल्लेख और इसके दोष किसी प्राचीन ज्योतिषीय ग्रन्थों में हैं?
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