Jataka Tatvam
देव गण होने पर गुरु, देवता, ब्राह्मण का भक्त, शास्त्र चिन्तन करने वाला देवता तुल्य सौम्य आकृति वाला होता है। राक्षस गण में तामसी, पापी, क्रोधी, गर्दीला, कलहप्रिय, निष्ठुर, गुप्त पापी होता है। मनुष्य गण में अन्नदाता (दानी या आश्रयदाता) धनी, सन्तानवान्, देवभक्त, उत्तम स्त्री व सुख भोगने वाला होता है।
Reviews
There are no reviews yet.