जन्म -पत्री का चित्रण एवं गतिशील संरूपण
जन्म – पत्री का चित्रण जिस प्रकार एक चित्र को देखकर चित्रकार की उस चित्र को खींचते समय क्या मन : स्थिति थी, यह जाना जा सकता है, ठीक उसी प्रकार जन्मपत्री का इस प्रकार वर्णनं करने की विधि (गूढ़लिपि को पढ़ना ) से जातक के जीवन में होने वाली घटनाओ के चित्रण को मष्तिक में उतारा जा सकता है I जितना ज्ञान व् अनुभव होगा उतना जातक के जीवन में होने वाली घटनाओ का स्पष्ट चित्र जन्मपत्री को पढ़कर जाना और समझा जा सकता है I वास्तव में ‘डेलिनियेशन’ का अर्थ बाल की खाल उधेड़ना है I यह भी कहा जा सकता है कि-
‘जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ I ‘मेरे अनुभव से जन्म कुण्डली का भी एक प्रवेश द्वार है I यदि वह मिल जाए और ज्योतिषी उसमे प्रवेश पा जाए तो फलित कथन सरल हो जाता है और शत -प्रतिशत ठीक होने की संभावना हो जाती है I
‘जन्मपत्री’ वास्तव में जिस समय जन्म होता है, या कोई प्रश्न किया जाता है , या कोई घटना घटित होती है, उस समय की ग्रह स्थिति का एक चित्र है I उस चित्र का अध्ययन करके तथा ग्रहो के प्रभाव को जानकर एवं वर्गों के साथ ही दशाओ का क्रम समझ कर ज्योतिषी सभी कुछ जान सकता है
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