Hanuman Tantra Sadhna
लेखकीय श्रीराम भक्त हनुमान के उपासना रहस्यों के विभिन्न आयामों को उद्घाटित करती यह ‘रचना’ यदि सुधि साधकों के कल्याण में अपना तनिक भी योग दे पाती है, तो लेखक के लिए इससे बड़ी सार्थकता कोई न होगी। ग्रन्थ को ‘गागर में सागर उक्ति पर खरा उतारने का लेखक ने अपनी ओर से यथासंभव प्रयास किया है। मंत्र, तंत्र, यंत्र व अनेक आध्यात्मिक साधनाओं को अपने में समेटे, यह ग्रन्थ अद्वितीय बन पड़ा है। आशा के साथ ही यह कहते हुए मुझे पूर्ण विश्वास भी है कि साधकों का मार्गदर्शन व शंकाओं का समाधान सहज ही होगा। शंकाओं का समाधान इसलिये भी अत्यावश्यक है, क्योंकि वर्तमान में कई ‘तथाकथित’ कारक दिग्भ्रमित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे ।
यह कंटु परंतु यथार्थ सत्य है कि जीवन कोई पुष्पशैय्या नहीं अपितु शूलों भरी राह है व मनुष्य कई तरह के संकटों, अड़चनों व दुःखों से जीवन पर्यंत जकड़ा रहता है। उपासना उसे सुमार्ग की ओर एक सुदृढ़ पग है, जो साधक को दुःखों से मुक्ति तो दिलाती ही है साथ ही दिव्य व अलौकिक शक्तियों से परिचित भी कराती है। इसी उद्देश्य से यथासंभव महत्वपूर्ण व गुप्त साधनाओं का समावेश इस ग्रन्थ में किया गया है। उपासना या साधना की सिद्धि पर प्रश्न चिन्ह लगाना, उन समस्त ऋषि-मुनियों व संतों की कठोर भर्त्सना है, जिनके अथक प्रयासों से साधनाओं की अमूल्य निधि आज हमारे पास है। अतः यह अपील है कि शंकाओं का समाधान कुत से करने के स्थान पर पत्राचार द्वारा लेखक से करें। ग्रन्थ में प्रयुक्त मंत्रों व यंत्रों को प्राचीन हस्तलिपियों व पाण्डुलिपियों से लिया में गया है व यह अपने शुद्धतम रूप में है।
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