जो जन्म लग्नको चन्द्रमा नहीं देखै तो उसका पिता उस समय परोक्ष होगा, इसमें भी यह विशेष है कि लनको चन्द्रमा न देखे और सूर्य चर राशिबें और ८।९।११।१२ स्थानमें हो तो पिता विदेशमें था जो सूर्य स्थिर राशिमें उन्हीं स्थानोंमेंसे किसी में होवे चन्द्रमा लनको देखे तो उसी देशमें था परन्तु उस समय परोक्ष था द्विस्वभावमें हो तो मार्ग चलता था कहना। ऐसेहीं लग्झमें शनि हो तो पिता परोक्ष कहना यदि मङ्गल सप्तम होवे तौ भी परोक्ष और चन्द्रमा बुध शुक्रके राशियोंके वा अंशोंके मध्यमें हो तो भी पिता परोक्ष कहना ।
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