विषय सूची पाठ का नाम प्रथम अध्याय- गोचर फल विचार का फलित ज्योतिष में महत्व द्वितीय अध्याय- ‘नारद-संहिता’ में वर्णित गोचर-प्रकरण तृतीय अध्याय-‘वृहत्संहिता’ के गोचर अध्याय से उद्भूत वराहमिहिर तथा यवनेश्वर के विचार 4 चतुर्थ अध्याय- मंत्रेश्वर की ‘फलदीपिका’ में वर्णित गोचर फल विचार 3 पंचम अध्याय- ‘जातकाभरण’ में वर्णित-गोचर फल 6 षष्ठ अध्याय- ‘ज्योतिषार्णव नवनीतम् में वर्णित गोचर-फल सप्तम अध्याय- सोर्मयाजीकृत ‘जातकादेशमार्ग में गोचर-फल अष्टम अध्याय- काल प्रकाशिका’ तथा ‘बृहन्योतिषसार’ के विचार नवम अध्याय- ‘फलित-मार्तण्ड’ के विचार 10 दशम अध्याय- जन्मलान पर आधारित ग्रहों के गोचर-फल 11. एकादश अध्याय- जन्मकालीन ग्रहों पर से गोचर में ग्रहों के भ्रमण के फल 12 द्वादश अध्याय- गोचर में मूर्ति निर्णय की भूमिका 13 प्रयोग अध्याय- ग्रहों का गोचर-प्रभाव 14. चतुर्दश अध्याय- गोचर फल निर्धारण में अष्टक-वर्ग की उपयोगिता 15 पंचदश (15वां) अध्याय- गुरु तथा शनि के विशेष चक्रफल 16 योगेश अध्याय- मिश्रित अध्याय..
Reviews
There are no reviews yet.