द्वादश भाव एवं नवग्रह
ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न सूत्रों के रहस्य को सरलता से समझने तथा फलित में उनके प्रयोग की अनुपम विधि प्रस्तुत है I ५५ जन्म कुण्डलियों पर लागू करके नव ग्रहो के द्वादश भावो में अवस्थित होने से जातक को क्या फल मिलता है तथा ज्योतिष नियमो का ‘ देश काल पात्र ‘ को ध्यान में रख कर फलित कथन का उदाहरण दिया गया है I पाठक इस तकनीक के प्रत्येक पद को समझकर प्रयोग करेगे तो फलित की सत्यता शत प्रतिशत हो सकती है I हमें निम्न विषयो पर विशेष प्रकाश प्राप्त हो सकता है :
संतान प्राप्ति एवं संतान से सुख I
छोटे भाई बहिन / बड़े भाई बहिन तथा उनसे सुख ई
आयु / स्वास्थ्य / रोगों के विषय में जानकारी I
व्यवसाय / आर्थिर्क स्थिति / जीवन का स्तर I
पत्नि सुख तथा माता -पिता का सुख
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