भूत, वर्तमान और भविष्य की कसौटी है, दशा-फल तथा दशा फल की कसौटी है दशाफल ज्ञान, पूरे फलादेश का आधार दशाफल ही होता है, जब तक दशाफल का पूर्ण ज्ञान न हो तब तक ज्योतिष विज्ञान अपूर्ण ही रहता है।
सही दशाफल जानने के लिए पूर्ण अध्ययन, गहरी पकड़, परिश्रम, अनुभव और तुलानात्मक अध्ययन परमावश्यक है, पाठकों के लाभार्थ मैं इस पुस्तक द्वारा ज्योतिष सम्बन्धी इस विद्या को प्रस्तुत कर रहा हूं, श्रम की सफलता और विफलता का निर्णय में पाठकों पर छोड़ता हूँ।
यह पुस्तक भी “पूजा प्रकाशन” के प्रयत्नों से इतनी शीघ्र और सुसज्जित रूप से आपके हाथों में पहुंच रही है। अपने पाठकों एवं अपनी ओर से मैं “पूजा प्रकाशन” को पुनः धन्यवाद देता हूं।
Reviews
There are no reviews yet.