जो व्यक्ति ज्योतिष के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते हैं, वे भी इस बात को समझने एवं स्वीकार करने लगे हैं कि प्रत्येक ग्रह का व्यक्ति के जीवन पर शुभाशुभ प्रभाव अवश्य पड़ता है। एक ग्रह जब अन्य ग्रहों के साथ युति करता है अथवा अन्य ग्रहों पर उसकी दृष्टि होती है, तब भी उससे प्राप्त होने वाले फल में अन्तर आ जाता है।
ग्रहों का यह अन्तर व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को न्यूनाधिक रूप से प्रभावित करता है, चाहे वह क्षेत्र दाम्पत्य जीवन से सम्बन्ध रखता हो, चाहे व्यावसायिक क्षेत्र अथवा अन्य किसी भी प्रकार से सम्बन्ध हो सकता है। बुध ग्रह को भी इसी रूप में देखने एवं समझने की आवश्यकता है। अन्य ग्रहों की भांति बुध ग्रह समस्त जातकों के स्वयं के फल तथा अन्य ग्रहों के साथ युति-दृष्टि के आधार पर प्रभावित करता है।
स्वयं के अनुसार अथवा अन्य ग्रहों के साथ युति-दृष्टि से फल देना बुध ग्रह की प्रकृति है, इसमें शुभ एवं अशुभ दोनों प्रकार के फल प्राप्त होते हैं। प्रत्येक ग्रह किसी को हमेशा अच्छे फल दे अथवा बुरे फल दे, यह आवश्यक नहीं है लेकिन मनुष्य की प्रकृति इस प्रकार की रही है कि वह शुभत्व में वृद्धि और अशुभत्व की न्यूनता चाहता है।
इसके लिये अनेक ऐसे शास्त्रोक्त एवं अनुभूत उपाय हैं, जिनका प्रयोग करके आप ग्रह के शुभत्व में वृद्धि कर सकते हैं, अशुभ प्रभाव को कम भी कर सकते हैं। इसके लिये यह आवश्यक है कि आपको ग्रहों के बारे में विस्तार से जानकारी हो और आप उपायों का प्रयोग पूर्ण निष्ठा, आस्था एवं विश्वास के साथ करें, इसका अवश्य लाभ प्राप्त होता है।
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