प्रस्तुत पुस्तक में भवन निर्माण हेतु भूमि चयन, मिट्टी का परीक्षण, भूमि का शल्योद्धार, भूमि संबंधी प्रारंभिक कर्मकाण्ड, नींव के लिए शुभ मुहूर्त, जल प्राप्ति के लिए शुभ हाथों का पहचान, सही दिशा में खिड़कियों, दरवाजों और विभिन्न कक्षों का निर्धारण एवं साज-सज्जा, फर्नीचरों का चयन, आवासीय और व्यावसायिक वास्तु तथा वास्तुदोषों का निवारण आदि विविध विषयों पर सूक्ष्म रूप से विवेचन किया गया है, जिससे सुख-शांति एवं व्यापारिक सफलता का लाभ होगा।.
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