Bhavartha Ratnakar
यह ग्रन्थ फलित ज्योतिष पर एक अत्युत्तम अनुसन्धानात्मक ग्रन्थ है। इसके लेखक श्री रामानुजाचार्य हैं। आपके पिता का नाम भाष्यम जगन्नाथार्य है और आप मगलाद्री महाक्षेत्र के निवासी थे और भारद्वाज गोत्र में उत्पन्न हुए थे। उनके समय आदि के संबन्ध में कुछ ज्ञात नहीं परन्तु निस्सन्देह आप ज्योतिष शात्र के मर्मज्ञ महान् पण्डित हुए हैं। श्री रामानुज कृत ‘भावार्थ रत्नाकर’ ज्योतिष साहित्य में अपना
एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह ग्रन्थ कई अर्थों में असाधारण कहा जा सकता है। ज्योतिष के कई मौलिक सिद्धांतों का वर्णन और उदाहरण इस पुस्तक में हमको मिलते हैं। इन सिद्धांतों संबन्धी श्लोकों का अध्ययन हम समझते हैं कि न केवल ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है बल्कि ज्योतिष के आचार्यों के लिये भी अनिवार्य है।
हिन्दी भाषा में इस प्रकार का अनुवाद न होने से हिन्दी ज्योतिष साहित्य में कमी अनुभव की जा रही थी जिसको पूरा करने का यह पुस्तक एक प्रयास है ।
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