लाल किताब” का प्रस्तुत संस्करण सन् 1939 में पहली बार बाजार में आया जिसकी कीमत 1.5 रुपया और पृष्ठ संख्या 383 थी, उस वक्त ज्योतिष के ज्ञाताओं ने इसे भ्रमित मानकर किताब को इतना महत्व नहीं दिया और लाल किताब केवल प्रकाशक तक ही सीमित रह गई। इसके बाद लाल किताब के मूल लेखक पं० रुपचन्द जोशी जी ने इसके चार और संस्करण निकाले, जो इस प्रकार हैं: (1) 1939 पृष्ठ संख्या 283 (2) 1940 पृष्ठ संख्या 280, (3) 1941 पृष्ठ संख्या 428, (4) 1942 पृष्ठ संख्या 384 एवं (5) 1952 पृष्ठ संख्या 1173 और पं० गिरिधारी लाल शर्मा प्रिंटर्स व पब्लिशर्स ने इन्हें मुद्रित किया।
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