लाल किताब पाँच भागों में कन्या: 1939 है 1940 हैं 1941 1942 और 1952 में प्रकाशित हुईं थी । सन् 1952 में प्रकाशित पुस्तक इल्बने सामुद्रिक की लाल किताब इस श्रंखला की पांचवी पुस्तक थी जिसमें 1 124 पेज थे। यह पुस्तक बाकी सभी पुस्तकों से अलग डै। सत् 1939 के संस्करण में पंडित रूप चंद जी जोशी ने हस्त रेखा पर अधिक यल दिया भी परंतु 1940 के संस्करण में मंडित जी ने फलित पर अधिक यल दिया और कुछ उपाय भी सुझाये। गुटका को गद्य के रूप में लिख मसा 1942 का संस्करण गद्य और पद्य का एक मिश्रण था और यह पुस्तक बाकी पुस्तकों से लिए गये महत्त्वपूर्ग भागों का एक संकलन है जिसमें सामुद्रिक के सभी भागों को सम्मलित्त किया गया है। यहाँ हमारा प्रयास है कि पुस्तक को लिप्यातेर न कर के सरल हिन्दी भाया में इसका है रुपतिरण प्रस्तुत किया जाये ताकि लाल किताब के जिज्ञासूइसरो लाभ उठा सकै। पुस्तक में कुछ संशोधन भी किये गयें है जो कि बरतनी को ध्यान में रख कर किये गये हैं ।
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