फलित ज्योतिष की प्राचीन सिद्धान्त धारा की पावन गंगोत्री रूपी रचना, लगभग 1800 वर्ष पहले भारतवर्ष में लिखी गई, जो अलभ्य थी, वह अब सर्वप्रथम प्रस्तुत की जा रही है।
प्रमुख आर्कषण जो इसमें आप पायेंगे लगभग 4500 संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ व्याख्या सहित। षड्वर्गफल, सम्पूर्ण विस्तृत ग्रह भाव-
दृष्टिफल। अष्टवर्ग की रेखाओं के अनुसार सम्पूर्ण फल। राशियों का ज्ञान एवं सकल फल विचार। दशान्तर्दशा विचार। ग्रहों के बलाबल का विचार व पृथक फल प्रदर्शन। नक्षत्र ज्योतिष, स्त्री व पुरुष हेतु पृथक जातक फल। राजयोगों का विशेष निरुपण, प्रामाणिक पाठ। विशुद्ध भारतीय ज्योतिष परम्परा, जन्म-७ विशुद्ध भारतीय ज्योतिष परम्परा, जन्म-संबन्धी विषय।
संहिता विषय, शकुन, स्वप्न, मृत्यु आदि का विस्तृत विवेचन। प्राचीन व महान सन्दर्भ ग्रन्थ, भाषा, भाव व विषय का अपूर्व सोन्दर्य।
वृद्ध यवन जातकम
फलित ज्योतिष की प्राचीन सिद्धांत धारा की पावन गंगोत्री रूपी रचना, लगभग १८०० वर्ष पहले भारतवर्ष में लिखी गई l जो अलभ्य थी, वह अब सर्वप्रथम प्रकाशित की जा रही है l
प्रमुख आकर्षण जो इसमें आप पाएंगे-
१. लगभग ४५०० श्लोक हिन्दी अर्थ व्याख्या सहित l
२.षड्वर्ग, सम्पूर्ण विस्तृत ग्रह भाव –दृष्टिफल I
३. अष्टवर्ग की रेखाओ के अनुसार सम्पूर्ण फल I
४. राशियों का ज्ञान एवं सफल फल विचार I दशान्तर्दशा विचार l
५. ग्रहो के बलाबल का विचार व् पृथक – पृथक फल प्रदर्शन l
६. नक्षत्र ज्योतिष,स्त्री व् पुरुष हेतु पृथक जातक फल l
७. राजयोगो का विशेष निरूपण, प्रामाणिक पाठ l
८. विशुद्ध भारतीय ज्योतिष परम्परा, जन्म सम्बन्धी विषय l
९. संहिता विषय , शकुन, स्वप्न, मृत्यु आदि का विस्तृत विवेचन l
१०. प्राचीन व् महान सन्दर्भ ग्रन्थ, भाषा व् भाव व् विषय का अपूर्व सौंदर्य I
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