ज्योतिष के शास्त्रीय ग्रंथो के अनुसार ऐसा ज्योतिषविद जो सच आदर्शवादी, तथा गणित में प्रवीण हो वही भविष्य का पूर्व कथन करने में सक्षम है| ज्योतिष को दो भागो में बांटा गया है| गणित ज्योतिष तथा फलित ज्योतिष | गणित की नीव पर ही फलित की इमारत बनती व फलती-फूलती है| कोई भी ज्योतिषी जो स्वय गणित के आधार पर कुंडली निर्माण, वर्ग, दशा इत्यादि की गणना करता है, उसे उत्कृष्ट फलित कथन करने की एकाग्रता प्राप्त होती है | इसमें कोई संशय नहीं है|
खगोल एवं गणित ज्योतिष की यह सम्पूर्ण कृति है जो ज्योतिष से संबधित खगोलीय नियमों, कुंडली एवं वर्गों के निर्माण, विंशोतरी दशा, भाव, उपग्रह, पंचांग, ग्रह एवं भाव बल इतयादि पर वैज्ञानिक सूक्षमता से प्रकाश डालती है|
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