Upchariya Jyotish Kaumudi
Publication: Alpha Publication
गत कुछवर्षोंमें उपचारीय व्याक्ति को युक्तिसंगत स्वरूप प्रदान करने में जिन कुक्के विद्वानों ने अमूल्य यौगदान दिया है उनमे पाठकजी का विशिष्ट स्थान है। एल्म पब्लिकेशन के विशेष आग्रह पर पाठकजी ने उपचारीय ज्योतिष सम्बन्धी अपने शोधपूर्ण विचार कई पुस्तकों की एक श्रृंखला के रूप में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है, जिसकी प्रथम कड़ी ”उपचारीय ज्योतिष कौमुदी” के रूप मेंआपके सम्मुख प्रस्तुत है।
यह पुस्तक छ: अध्यायों की है किन्तु, इसे पढकर तथा समझकर कोई भी मेधावी ज्योतिषी उपचारीय ज्योतिष के क्षेत्र में पारंगत हो सकता है। प्रथम अध्याय में, वर्णित ज्योतिष के मूलभूत सिद्धान्त को समझकर आप कुंडली के बारह भावों से सम्बन्धित समस्याओं को हल करने में समर्थ हो सकते हैं। द्वितीय अध्याय में, रत्नों की आवश्यकता पर जो शोधपूर्ण विस्तृत सामग्री दी गई है वैसी उपयोगी सामग्री आपको अन्यत्र अभी तक देखने को नहीं मिली होगी।
तृतीय अध्याय में, लेखक ने पराशरीय उपचार विधि की जो झलक प्रस्तुत की है वह पूर्णत: शास्त्रोक्त होते हुए भी देश-काल-पात्र के समीचीन है। चतुर्थ अध्याय में लेखक ने पैंतीस दोषपूर्ण ग्रहयुतियों के परिहार बताये हैं। पंचम अध्याय में, ग्रहों की शान्ति हेतु लेखक ने तेईस हिन्दू पौसणिक देवी-देवताओं के मंत्र-जाप तथा स्तुति का जो विस्तृत विवरण दिया है उससे देवोपचार में दक्षता आ सकती है। षष्ठ अध्याय में, लाल किताब के कुछ सुप्रसिद्ध टोटके दिये गये हैं जिसमें कालसर्पयोग को शमन करने के लेटके भी शामिल हैं।
यदि ”जातक चन्द्रिका ” को ललित ज्योतिष के आधार ग्रन्थ के रूप में मान्यता प्रदान की जा सकती है, तो कोई कारण नहीं कि ‘ ‘उपचारीय ज्योतिष कौमुदी ” को उपचारीय ज्योतिष के आधार ग्रन्थ के रूप में मान्यता न दी जाये । पाठकों के आग्रह पर हम शीघ्र ही उपचारीय ज्योतिष श्रृंखला में पाठक जी की अन्य महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का भी प्रकाशन करने जा रहे हैं।
Reviews
There are no reviews yet.