Panchang Pujan Paddhati
प्रस्तुत पञ्चाङ्ग पद्धति भी वेद प्रतिपादित वैदिक मन्त्रों से सम्पादित ऐहिक और पारलौकिक आनन्द (सुख) एवं आनन्दमय परब्रह्म-परमात्मा की शरणागति को दिलाने वाला एक लघु यज्ञ पद्धति ही है।
नैमित्तिक सभी शुभ कार्यों तथा छोटे-बड़े प्रत्येक यज्ञ-यागादि में अनिवार्य रूप से पञ्चाङ्ग-पूजन करने का शास्त्रीय विधान है और होती भी है। यद्यपि पञ्चाङ्ग-पूजन विधि का उल्लेख अन्यान्य अनेक पुस्तकों में भी है, तब भी स्वतन्त्र रूप से संक्षिप्त रूप से भाषा-टीका के साथ, सर्वथा विशुद्ध पृथक् कोई पुस्तकें अब तक प्रकाशित नहीं था। इस अभाव की पूर्ति इस ‘पञ्चाङ्ग-पूजन-पद्धति’ से हो जाती है, यह निर्विवाद सिद्ध है।
प्रस्तुत “पञ्चाङ्ग-पद्धति” के रचयिता, कर्मकाण्ड साहित्य के अनेकानेक ग्रन्थों के लेखक वा तथा सम्पादक काशी के सुप्रसिद्ध कर्मकाण्डी वैदिक विद्वान स्वनामधन्य स्व. पण्डित श्री वायुनन्दन मिश्र जी हैं। इस संस्करण के पूर्व यह केवल संस्कृत भाषा में वेदमन्त्रों के साथ ही प्रकाशित था। तब भी कर्मकाण्डी विद्वद्वर्ग के लिए विशेष उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुआ है।
वर्तमान संस्करण में भाषा-टीका के साथ प्रकाशित यह पुस्तक विद्वद्वर्ग के साथ-साथ सामान्य संस्कृत हिन्दी पढ़े-लिखे सर्वसाधारणजनों के लिए भी विशेष उपयोगी होगी, यह सर्वथा सुनिश्चित है।
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