इस दुनिया में हर व्यक्ति शनिदेव की शक्ति से परिचित है। शनिदेव के नाम से ही आम व्यक्ति में भय व्याप्त हो जाता है। अधिकांश व्यक्ति शनि को अनिष्ट फल का कारक मानते हैं। शनि के प्रकोप से हर कोई भय खाता है। इसलिये हर व्यक्ति शनिदेव के प्रकोप से बचना चाहता है। अधिकांश व्यक्ति किसी भी शनि मन्दिर के सामने से निकलते हुए अपना शीश अवश्य झुकाते हैं अथवा जो कोई उनके सामने शनिदेव के नाम पर मांगने वाला आता है तो उसे कुछ न कुछ अवश्य देते हैं।
जो लोग ज्योतिष में विश्वास रखते हैं, वे शनिदेव की शक्ति को स्वीकारते हैं। उससे बचने के लिये उपाय भी करते हैं परन्तु जो लोग ज्योतिष पर विश्वास नहीं करते हैं वे लोग भी शनिदेव की शक्ति के आगे नतमस्तक होते हैं। उनके प्रकोप से बचने के लिये उपाय भी करते हैं। लोहे का छल्ला धारण करते हैं। इतना सब होने पर भी बहुत कम लोग होंगे जो शनिदेव का वास्तविक परिचय जानते हैं।
मैंने अपने अनुभव में देखा है कि हर व्यक्ति शनिदेव से भय खाता है परन्तु वास्तविकता इससे कोसों दूर है। इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे देश में बिना मांगे सलाह देने वाले लोगों की संख्या अधिक है। अपने मिलने वाले को परेशान देखते हैं तो तुरन्त घोषणा कर देते हैं कि तुम पर तो शनि प्रकोप है। अमुक को भी शनि प्रकोप था, उसने अमुक उपाय किया तो उसे बहुत लाभ हुआ था।
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