पॉल ब्रन्टन पूर्वी जगत की आध्यात्मिक परम्पराओं की खोज में निकले बीसवीं शताब्दी के सबसे अहन खोजियों में से एक थे. वे एक पत्रकार भी थे और अपनी समीक्षात्मक निष्पक्षता एवं व्यावहारिक ज्ञान के लिए जाने जाते थे. इन गुणों के साथ ही उनकी उत्कृष्ट जीवनशैली ने उन्हें पूर्वी जगत की आध्यात्मिकता पर लिखने वाला एक श्रेष्ठ लेखक बना दिया. गुप्त भारत की खोज आध्यात्मिक यात्रा-वृत्तांत की एक महान कालजयी रचना है. पॉल ब्रन्टन ने विवरण प्रस्तुत करने की अपनी अद्भुत क्षमता और अपने उदार दृष्टिकोण के संयोग से भारत की यात्रा का अनूठा वर्णन किया है. वे योगियों, सन्यासियों और गुरुओं के बीच रहकर एक ऐसे व्यक्ति की खोज करते रहे हैं, जो उन्हें आत्म-ज्ञान से मिलने वाली शांति प्रदान कर सके. उनकी यह जीवंत खोज, तमिलनाडु में स्थित अरुणाचल पर्वत पर श्री रमण महर्षि के पास समाप्त होती है: ‘नीले आकाश में असंख्य तारे टिमटिमा रहे हैं. उदय होता हुआ चन्द्रमा, चंडी की पतली चक्रनुमा लकीर कैसा दिख रहा है. शाम के समय उड़ने वाले जुगनुओं ने उद्यान को प्रकाशित कर दिया है, और उनके ऊपर खजूर के ऊँचे वृक्षों की लहराती डालियाँ आकाश के काले छाया-चित्र पर झूमती दिखाई पड़ रही हैं. मेरा आत्म-रूपांतरण पूर्ण हो गया है.
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